हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

देहरादून। इस साल की अंतिम अरदास के बाद आज दोपहर में सबसे ऊँचाई पर स्थित सिक्ख आस्था का पवित्र धाम श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आज बंद हो गए है। उत्तराखंड के प्रमुख चार धाम के साथ ही तीर्थ श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा करने देश विदेश से यात्री पहुचे। हेमकुण्ड साहिब के कपाट आज रविवार दोपहर डेढ बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए है।  हालांकि, इस सीजन हेमकुंड साहिब के करीब 11000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।

सुबह सुबह नौ बजे से हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारे में शबद कीर्तन का पाठ शुरू हुआ जो दोपहर 12 बजे तक चला। इसके गुरुग्रंथ साहिब का हुक्मनामा लिया गया। ठीक बारह बजे इस साल की अंतिम अरदास की गई। दोपहर एक बजे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा और पवित्र गुरुग्रंथ साहिब को पंजाब से आए विशेष बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों की अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब (गर्भग्रह) में लाया गया।

इसी के साथ दोपहर ढेड बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंदी को लेकर 2500 से अधिक श्रद्धालु गुरु धाम श्री हेमकुंड साहिब पहुंचे थे। लाखों की संख्या में पहुचने वाले तीर्थ में इस साल यात्रियों की संख्या सीमित रही। 23 दिनों की यात्रा में 11 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे कोविड के कारण इस वर्ष 18 सितंबर से हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू हुई।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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