उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरीके से दिखाएंगे अपना जलवा

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर जहां चुनावी माहौल गर्म हो चुका है, वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सबकी नजरें लगी हुई है, आखिर उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरीके से अपना जलवा बिखेर देंगे। क्योंकि प्रधानमंत्री का अपना एक अलग तरीका चुनाव के समय जनता से जुड़ने का भी है, हालांकि कोविड-19 के प्रोटोकॉल को देखते हुए प्रधानमंत्री विशाल जनसभा को संबोधित नहीं कर सकते हैं इसलिए माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री कोई ऐसा कार्यक्रम उत्तराखंड में कर सकते हैं जिससे उत्तराखंड वासियों के दिलों में प्रधानमंत्री छाप छोड़ जाए, और उसका फायदा भाजपा को वोट के रूप में मिले।

2017 के विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री ने कई जनसभाओं को संबोधित करते हुए अपने खास अंदाज में वोटरों को लुभाने का काम किया था। गढ़वाल मंडल की सीटों की बात करें तो जो अंदाज उन्होंने श्रीनगर जनसभा में गढ़वाली में बोलकर वोटरों के मन में जगह बनाई थी उसका ही परिणाम था कि गढ़वाल में कई ऐसी सीटे भाजपा की झोली में आए जो भाजपा के लिए जीतना मुश्किल था। ठीक उसी तरीके से इस बार पार्टी उनका ऐसा कार्यक्रम तैयार कर रही है, जहां से प्रधानमंत्री सबके दिलों को छू सकें इसी को देखते हुए माना जा रहा है कि देवप्रयाग संगम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा आरती कर सकते हैं साथ ही वर्चुअल जनसभा भी वहां से कर सकते हैं।

देवप्रयाग से ही गंगा का स्वरूप माना जाता है, अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम से गंगा नदी को एक पहचान मिलती है, इसलिए प्रधानमंत्री देवप्रयाग से खास संदेश देश की जनता को भी दे सकते हैं कि आखिर देवप्रयाग का कितना खास महत्व है, माना जाता है कि भगवान राम ने देवप्रयाग संगम पर शिव का स्मरण किया था। वही देवप्रयाग में रघुनाथ का मंदिर इस बात का प्रमाण है कि भगवान राम ने देवप्रयाग पहुंच कर पूजा अर्चना की थी। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी देवप्रयाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम आयोजित कर सकती है, जिससे गढ़वाल मंडल की सीटों पर भाजपा सीधा को फायदा हो सकता है। 10 या 11 फरवरी को प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम लग सकता है। प्रधानमंत्री यदि वास्तव में देवप्रयाग में गंगा आरती करते हैं तो इससे भाजपा की कई प्रत्याशियों की किस्मत चमक सकती है, क्योंकि देवप्रयाग में गंगा आरती करने से कई विधानसभा सीटों पर इसका सीधा असर वोट के रूप में पड़ सकता है।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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