चारो धामों के कपाट बंद होने की तिथि तय, जानिए कब किस धाम के कपाट होंगे बन्द

बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु 20 नवंबर को शायंकाल बंद होंगे।केदारनाथ धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु शनिवार 6 नवंबर भैयादूज को बंद हो जायेंगे गंगोत्री धाम के कपाट शुक्रवार 5 नबम्बर गोवर्धन पूजा / अन्नकूट के दिन बंद हो जायेगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारों धामों में तीर्थयात्रा के सफल संचालन पर प्रसन्नता जताई कहा कपाट बंद होने तक निर्बाध चलेगी चारधाम यात्रा।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा निर्धारित परंपराओं के अनुसार होते हैं कपाट बंद देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों ने प्रसन्नता व्यक्त की। पंच केदार कपाट बंद होने की तिथियां द्वितीय केदार माहेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल हेतु 22 नवंबर को बंद होंगे। तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल हेतु 30 अक्टूबर को बंद होंगे। चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त में बंद हो जायेंगे।

आज विजयदशमी अवसर कपाट बंद होने की तिथियां तप देहरादून। विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष शीतकाल हेतु शनिवार 20 नवंबर मार्गशीर्ष 5 गते प्रतिपदा को वृष लग्न राशि में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बंद हो जायेंगे।

जबकि पंच पूजाएं मंगलवार 16 नवंबर से शुरू होंगी। आज बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में इस वर्ष बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि तय हुई। तिथि की घोषणा विधि विधान से पूजा-अर्चना पंचाग गणना पश्चात रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा की गयी धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल एवं आचार्य वेदपाठियों द्वारा पूजा अर्चना की गयी।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी थी. डी. सिंह की देखरेख एवं उपस्थिति में संपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुआ इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के सदस्य गोविंद सिंह पंवार, ग्राम प्रधान माणा पीतांबर मोल्फा, राजेंद्र चौहान, गिरीश चौहान, भूपेंद्र रावत, कृपाल सनवाल आदि भी मौजूद रहे। पंच पूजाओं में 16 नवंबर को गणेश की पूजा एवं कपाट बंद, 17 नवंबर को आदिकेदारेश्वर जी कपाट बंद होंगे।

18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन, वेद ऋचाओं का वाचन बंद, 19नवंबर चौथे दिन मां लक्ष्मी का आव्हान, पांचवे दिन 20 नवंबर को कपाट बंद होंगे। यात्रा वर्ष 2022 के लिए सर्व संजय मेहता, यमुना प्रसाद, कल्याण सिंह भंडारी, मुरली सिंह पंवार को पगड़ी भेंट की गयी ये प्रतिनिधि अगले यात्रा वर्ष भगवान बदरीविशाल के भंडार आदि की जिम्मेदारी संभालेंगे। भगवान बदरीविशाल के खजाने के साथ गरूड़ भगवान की विग्रह प्रतिमा बदरीनाथ धाम से नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन (जोशीमठ) तथा मातामूर्ति सहित घटाकर्ण मंदिर माणा के कपाट भी शीतकाल हेतु बंद रहते है।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दूसरे दिन 21 नवंबर सुबह उद्भव एवं कुबेर रावल सहित आदिगुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी के साथ रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। कुबेर अपने पांडुकेश्वर स्थित मंदिर में तथा उद्धव जी योग बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान में हो जायेंगे जबकि 22 नवंबर को रावल जी एवं आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान होंगे।

इसके साथ ही योग बदरी पांडुकेश्वर एवं नृसिंह मंदिर जोशी मठ में शीतकालीन पूजाएं भी शुरू होंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन पर प्रसन्नता जताई कहा कि चारधाम यात्रा निर्वाध जारी रहेगी। अभी तक सवालाख से अधिक तीर्थ यात्री चारधाम एवं हेमकुंड साहिब पहुंचे है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि परंपरानुसार चारों धाम के कपाट निर्धारित समय पर बंद होंगे यह प्रसनन्ता का विषय है।

देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों ने कपाट बंद नेव होने की तिथियां घोषित होने पर खुशी जताई। धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने कहा कि चारधाम यात्रा में देश विदेश के तीर्थयात्री पहुंच रहे है। आयुक्त गढ़वाल / मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड रविनाथ रमन ने कहा कि चारों धामों एवं पंच केदारों के कपाट बंद होने की तिथियां एवं कार्यक्रम चारधाम यात्रा का महत्त्वपूर्ण भाग है। यात्रा व्यवस्थाओं को संजीदा किया गया है।

केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज 6 नवंबर को समाथि पूजा के बाद मुख्य बाहरी द्वार प्रातः 8 बजे बंद हो जायेंगे। पंचमुखी डोली 6 नवंबर रामपुर 7 नवंबर गुप्तकाशी, 8 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होगी। यमुनोत्री धाम के कपाट भी 6 नवंबर भैयादूज को दिन में बंद होंगे। मां यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली पहुंचेगी। गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर को गोवर्धन पूजा अन्नकूट के अवसर पर मध्यान में बंद होंगे। मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा पहुंचेगी। जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में यात्रा व्यवस्थायें चाकचौबंद हैं।

पंच केदार कपाट बंद होने का कार्यक्रम पंच केदारों में प्रसिद्ध चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट रविवार 17 अक्टूबर प्रातः 4.30 बजे ब्रह्म मुहुर्त में शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे रुद्रनाथ जी के आचार्य श्री महादेव भट्ट ने यह जानकारी दी। पंच केदारों में से द्वितीय केदार भगवान महेश्वर के कपाट शीतकाल हेतु सोमवार 22 नवंबर को प्रातः साढ़े आठ बजे वृद्धिक लग्न में बंद हो जायेंगे जबकि माहेश्वर मेला बृहस्पतिवार 25 नवंबर को आयोजित होगा। जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दिन 1 बजे अपराह्न शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। आज पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गयी। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की

तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मार्केडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है। कपाट बंद होने के पश्चात भगवान माहेश्वर की बलविग्रह डोली 22 नवंबर को गाँडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी 25 नवंबर को चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी 25 नवंबर को महेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा। तुंगनाथ की चलविग्रह डोली 30 अक्टूबर को चौपता, 31 अक्टूबर को भनकुंड तथा 1 नवंबर को गद्दीस्थल मार्कडेय मंदिर में विराजमान होंगी इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेंगी मन्ग्रहेश्वर भगवान के कपाट बंद होने की तिथि तय करने हेतु आज विजय दशमी के अवसर पर आज आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में वेदपाठी यशोधर मैठाणी, पुजारी शिवशंकर लिंग एवं गंगाधर लिंग, गिरीश देवली, राजकुमार नौटियाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, आदि मौजूद रहे। तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित करने के कार्यक्रम में मठापति राम प्रसाद मैठाणी, तथा मैठाणी आचार्य गण मौजूद रहे। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने की तिथि तय होने हेतु आयोजित सभी कार्यक्रमों में सामाजिक दूरी सहित कोरोना बचाव मानकों का पालन किया गया है।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!