करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं के दर्शनों के बाद बाबा केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

देहरादून । देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शनिवार को भैया दूज के दिन वृश्चिक राशि -अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के बाद पूरे विधि-विधान से आगामी 6 महीने यानी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है। दरअसल, बर्ह्ममुहुर्त से कपाटबंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। जिसके तहत सुबह 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा, शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया।

इसके बाद ठीक सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजो की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने पर प्रदेश के राज्यपाल महामहिम गुरूमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सहित प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, चारधाम विकास परिषद पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने धामों के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी है। साथ ही कहा कि कोरोना काल के बावजूद यात्रा सफलता पूर्वक संपन्न हो रही है। चारो धामों में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने मंदिर की परिक्रमा के बाद जय श्री केदार के उदघोष के बाद पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। रविवार को यानी 7 नवंबर डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास के लिए पहुंचेगी। 8 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के पंच केदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ विराजमान हो जायेगी। इसी के साथ भगवान भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाये शुरू हो जायेगी।

चारधामों में कल 4 नवंबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए। आज दोपहर बाद श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो जायेंगे। शीतकाल हेतु 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। 22 नवंबर को द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होंगे श्री मद्महेश्वर भगवान की विग्रह डोली के 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने की तिथि पर मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा। साथ ही बताया कि अभी तक दो लाख चालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे है।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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