प्रदेश में 386 नए कोरोना संक्रमित पाए गए, छह की मौत

देहरादून ,सीटी। उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के भीतर छह कोरोना मरीजों की मौत और 386 संक्रमित मामले मिले हैं। पहाड़ों में कोरोना संक्रमण का असर कम हुआ है, लेकिन देहरादून जिले में संक्रमितों की रफ्तार बढ़ रही है। वहीं, 388 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। कुल संक्रमितों की संख्या 69693 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को 10179 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 386 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। आज देहरादून जिले में सबसे अधिक 137 कोरोना संक्रमित मिले हैं। नैनीताल में 53, पिथौरागढ़ में 37, हरिद्वार में 35, पौड़ी में 29, ऊधमसिंह नगर में 25, चमोली में 21, टिहरी में 13, बागेश्वर में 13, रुद्रप्रयाग में आठ, अल्मोड़ा में छह, चंपावत में पांच और उत्तरकाशी जिले में चार संक्रमित मामले मिले हैं। आज मृतक छह संक्रमित मरीजों में से दून मेडिकल कॉलेज में दो, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में दो, एचएनबी बेस हॉस्पिटल श्रीनगर में एक और सेना अस्पताल पिथौरागढ़ में एक मरीज ने दम तोड़ा है। प्रदेश में अब तक 1133 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। वहीं, 388 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिला कर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 63808 हो गई है। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न अस्पतालों और होम आइसोलेशन में 4133 मरीजों का इलाज चल रहा है। दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर ने धर्मनगरी की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। दिल्ली से रोजाना सैकड़ों यात्री उत्तराखंड और दूसरे राज्यों की परिवहन निगमों की बसों से हरिद्वार पहुंच रहे हैं। यहां यात्रियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं है। दूसरे राज्यों के निगम की बसें अड्डे के बाहर ही यात्रियों को उतार रही हैं। सफर करने वाले अधिकतर यात्री भी लापरवाही बरत रहे हैं। मास्क पहनना जरूरी नहीं समझकर खुद के साथ दूसरों की जिंदगी भी दाव पर लगा रहे हैं। ऐसे में हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के फैलाव का खतरा लगातार बढ़ रहा है। कोरोना के फैलाव के लिहाज से हरिद्वार अति संवेदनशील जिला रहा है। पहले चरण में यहां प्रदेश में अधिक कंटेनमेंट जोन रहे हैं। अनलॉक में बसों का संचालन शुरू होने पर स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग हो रही थी। कोरोना आशंकित लोगों की पहचान होने पर कोविड सैंपल के लिए अस्पताल भेजा जा रहा था। इससे काफी हद तक संक्रमण के फैलाव पर काबू हुआ। पॉजिटिव मरीज मिलने की दर गिरने से लोगों की लापरवाही बढ़ने के साथ रोडवेज स्तर पर भी परिसर में स्क्रीनिंग की व्यवस्था बंद हो गई। दिल्ली में संक्रमण की दूसरी लहर तेज होने से वहां कई पाबंदियां लगनी शुरू हो गई हैं। लेकिन बसों से हरिद्वार पहुंचने वाले यात्री संक्रमण के कैरियर के वाहक बन सकते हैं। अकेले हरिद्वार डिपो की 20 से अधिक बसें दिल्ली रूट पर रोजाना संचालित हो रही हैं।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!