चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथियां हुई घोषित

27 अक्टूबर को केदारनाथ तथा 19 नवम्बर को

बद्रीनाथ धाम के कपाट होंगे बन्द

19 नवंबर को अपराहन 3 बजकर 35 मिनट श्री

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।

• 27 अक्टूबर प्रात: साढ़े आठ बजे श्री केदारनाथ

धाम के कपाट बंद होंगे।

• 28 अक्टूबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट 12

बजकर 1 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्टूबर को

अभिजीत मुहूर्त में दोपहर को बंद हो जायेंगे।

• द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शुक्रवार 18

नवंबर को बंद होंगे।

• 21 नवंबर को उखीमठ में आयोजित होगा माहेश्वर मेला • तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 7 नवंबर को बंद होंगे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भगवान बदीविशाल के दर्शन किया • कपाट बंद होने की तिथि हेतु मंदिर को भब्य रूप से मनाया गया। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष शनिवार 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पट बंद होंगे। जबकि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर प्रातः 8.30 बजे भैया के अवसर पर बंद होंगे। श्री गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर गोवर्धन पूजा के दिन 12 बजकर एक मिनट तथा यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज 27 अक्टूबर को मध्यान अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। जबकि श्री हेमकुंट साहिब लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो रहे है। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज विजय दशमी के अवसर पर विधि विधान पंचाग गणना के पश्चात तय हुई। इससे पूर्व मंदिर परिसर में नवरात्रि के दौरान नौ दिन तक उर्वशी पूजा संपन्न हुई आज दशमी में समापन हुआ। विजय दशमी के महापर्व पर आज प्रातः 10.45 बजे देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय तथा मंदिर उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी हिमांशु खुटाना, उसपी श्वेता चौबे एसडीएम कुमकुम जोशी ने उनकी अगवानी की। इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) गुरमीत सिंह भी श्री बदरीनाथ मंदिर के गुजराती भवन में रक्षामंत्री से शिष्टाचाट भेंट की इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद थे। मंदिर समिति अध्यक्ष ने रक्षा मंत्री का माल्यार्पण अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया। इसके पश्चात बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय एवं उपाध्यक्ष किशोर पंवार की उपस्थिति में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदी ने कपाट बंद होने की तिथि 19 नवंबर घोषित की। इस अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था। आज दोपहर के बाद शुरू हुए धार्मिक समारोह में पूजा-अर्चना, विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना पश्चात लग्न, मुहुर्त देख कर तिथि तय की गयी। पूजा-अर्चना पंचाग गणना धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट द्वारा की गयी। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाओं में 15 नवंबर मंगलवार को पहले दिन पूजा अर्चना पश्चात शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो जायेंगे। दूसरे दिन 16 नवंबर बुद्धवार को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, तीसरे दिन 17 बृहस्पतिवार नवंबर को खड़ग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा। चौथे दिन 18 शुक्रवार नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग लगाया जायेगा। तथा पांचवें दिन 19 नवंबर को टावल जी स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को श्री बदरीविशाल के निकट स्थापित कर देते है। इससे पहले श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आ जाते है और श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। कुबेर जी रात्रि अवस्थान हेतु बामणी गांव चले जायेंगे। जबकि उद्धव जी रावल मंदिर के निकट रहते है। दिनांक 20 नवंबर को देवडोलियां श्री बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ हेतु प्रस्थान करेंगी। इस अवसर पर आदि गुरु शंकराचार्य जी की डोली के जोशीमठ तथा श्री उद्धव जी तथा कुबेट जी के पांडुकेश्वर प्रस्थान की तिथि निश्चित हो गयी। 20 नवंबर प्रातः श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी की देवडोली अपने पांडुकेश्वर स्थित मंदिर पहुंच जायेगी जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 20 नवंबर को रावल सहित योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर प्रवास करेगी। दूसरे दिन 21 नवंबर सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन भी हो जायेगा तथा योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेंगी। आज कपाट बंद होने की तिथि तय होने के अवसर पर मंदिर समिति की ओर से हक हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की गयी मेहता थोक से रवीन्द्र मेहता, गोविन्द भट्ट, भंडाटी थोक से अनूप भंडारी, गोविंद पंवार को अगले यात्रा काल की भंडार व्यवस्था हेतु यह पगड़ी भेंट की गयी। इस अवसर स्वामी मुकुंदानंद महाराज, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिटीश चौहान, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, डा. हटीश गौड़ सहित अधिकारी कर्मचारी, हक हकूकधारी, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी, सदस्य, बड़ी संख्या में तीर्थयात्री, मा बामणी के ग्रामवासी मौजूद रहे। मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 27 अक्टूबर प्रात: साढ़े आठ बजे शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली 27 अक्टूबर को फाटा, 28 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाये शुरू हो जायेंगी। श्री गंगोत्री मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट / गोवर्धन पूजा के दिन 26 अक्टूबर दोपहर को बंद हो जायेंगे। उसी दिन मां गंगा की डोली गंगोत्री से देवी मंदिर मुखीमठ (मुखवा) हेतु प्रस्थान करेगी। आज गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की घोषणा विधिवत की गयी इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, दिनेश सेमवाल, महेश सेमवाल मौजूद रहे। इसी तरह यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज 27 अक्टूबर को बंद हो दोपहर के अभिजीत मुहूर्त में बंद जायेंगे। मां यमुना की उत्सव डोली इसी दिन शीतकालीन गद्दीस्थल खुशीमठ (खरसाली) के लिए प्रस्थान करेगी। इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर को बंद होंगे तथा 21 नवंबर सोमवार के दिन माहेश्वर मेला आयोजित होगा। श्री महेश्वर जी की उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों 18 नवंबर को गौंडार, 19 नवंबर को रांसी, 20 नवंबर को गिरिया, 21 नवंबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। 23 नवंबर को माहेश्वर मेला आयोजित होगा तृतीय केदारनाथ तुंगनाथ जी के कपाट 7 नवंबर सोमवार को बंद होंगे। तथा इसी दिन श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली चोपता पहुंचेगी, भनकुन, भूतनाथ होते हुए उत्सव डोली श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी। चतुर्थ केदार तुंगनाथ के कपाट सोमवार 17 अक्टूबर शार्यकाल 5.13 बजे बंद हो रहे है! श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हटीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने से अभी तक 1453549 तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम, 1339477 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे है।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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