चुनाव चिन्ह बल्ले के साथ धर्मपुर विधानसभा सीट पर बढ़ी बीजेपी की मुश्किलें, बीर सिंह पंवार डटे मैदान में

देहरादून। विधानसभा चुनाव को लेकर जहां आज नाम वापसी का आखिरी दिन था वही बीजेपी के द्वारा कई ऐसे बागी नेताओं के द्वारा नाम वापस ले लिए गए हैं जिन्होंने विधायक प्रत्याशी के लिए नामांकन कराया था डोईवाला से निर्दलीय नामांकन करने वाले भाजपा नेता सौरभ थपलियाल और सुभाष भट्ट में भी जहां नाम वापस ले लिया वही बात धर्मपुर विधानसभा सीट की करें तो धर्मपुर विधानसभा सीट पर भाजपा से बगावत कर निर्दलीय नामांकन करने वाले वीर सिंह पंवार अभी भी मैदान में डटे हुए हैं, वीर सिंह पंवार ने भाजपा संगठन से लेकर आर एस एस पदाधिकारियों के दबाव में भी ना आकर चुनाव लड़ने के फैसले को बरकरार रखा है। वीर सिंह पंवार के चुनावी मैदान में डटने से अब धर्मपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई। जिससे भाजपा के वर्तमान विधायक और भाजपा प्रत्याशी विनोद चमोली की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि धर्मपुर विधानसभा सीट पर विनोद चमोली से नाराज एक धड़ा वीर सिंह पंवार के साथ खड़ा नजर आ रहा है, जो उन्हें चुनाव लड़ने और लड़ाने को लेकर पूरी तरीके से सपोर्ट भी कर रहा है। वीर सिंह पंवार पर नाम वापस लेने को लेकर जबरदस्त दबाव भाजपा के द्वारा बनाया गया था, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वीर सिंह पंवार ने अपना फोन तक बंद रखा था नाम वापसी का समय गुजरने के तुरंत बाद ही वीर सिंह पंवार ने अपना नंबर भी खोल दिया। फोन पर बात करते हुए वीर सिंह पंवार ने कहा है कि उन्हें चुनाव चिन्ह भी आवंटित हो गया और बल्ला उनका चुनाव निशान है। चुनाव लड़ने का फैसला उनका खुद नहीं बल्कि जनता का है क्योंकि धर्मपुर विधानसभा की जनता यह तय कर चुकी थी कि वीर सिंह चुनाव लड़े इसलिए उन्होंने

नामांकन किया है अब उनका पूरा ध्यान चुनाव लड़ने पर है।

बीर सिंह के ऐलान से कांग्रेस खुश भाजपा की बढ़ी टेंशन

बीर सिंह पंवार के चुनावी मैदान में डट ने से जहां कांग्रेस की खेमा खुश नजर आ रहा है, वहीं बीजेपी की टेंशन बढ़ना लजमी हैं। धर्मपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल की समर्थकों में इस बात की खुशी है कि वीर सिंह पंवार मैदान में डटे हुए, क्योंकि वीर सिंह पंवार के चुनाव लड़ने से पहाड़ी मूल के वोटर और बीजेपी के वोट बैंक पर वीर सिंह पंवार की सेंधमारी किए जाने का पूरा अनुमान है। कोविड काल में जिस तरीके से वीर सिंह पंवार ने जनता की सेवा की है उसका फायदा भी उन्हें मिल सकता। ऐसे में आप सभी की नजरें धर्मपुर विधानसभा सीट पर लग गई है कि आखिर धर्मपुर में इस बार विजय किसकी होगी।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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