बागेश्वर से बड़ी खबर -: घरों में घुसा मलबा, ग्रामीणों की रातों की नींद हराम, खतरे की आशंका से प्रशासन ने खाली कराए घर…

भूस्खलन से कांडे कन्याल में घरों में घुसा मलबा
-प्रशासन ने खाली कराए दो परिवार
बागेश्वर। कांडा तहसील में अवैध खनन के बाद मलबा भडारण के कारण कांडा में कई परिवारों को खतरा बना हुआ है। दो परिवारों के घरों में गत दिवस मलबा घुस गया। खतरे की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने दो परिवारों के घर खाली कराकर उन्हें पंचायत घर में शिफट कर दिया है।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कांडे कन्याल में पटटा धारक द्वारा किए गए मलबा भडारण के निकट कुछ परिवार रहते हैं। गत दिवस बरसात के दौरान खान क्षेत्र से मलबा तुलसी देवी पत्नी नंदन राम व नरेश राम पुत्र स्व हरिराम के घर में मलबा घुस गया। जिससे परिवार को खतरा बना हुआ है। सूचना मिलने पर तहसीलदार महेश चंद्र तिवारी ने बताया कि प्रभावित परिवार को पंचायत घर में शिफट कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है तथा इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। इधर पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण व पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने गांव का दौरा किया तथा इसके लिए क्षेत्रीय विधायक व प्रशासन की लापरवाही करार देते हुए कहा कि यदि प्रशासन समय पर चेतता व जनप्रतिनिधि जनता के प्रति गंभीर होते तो पूर्व में ही सुरक्षा उपाय किए जा सकते थे।

समय पर चेता नहीं प्रशासन, अब कांडा बाजार में भूस्खलन
-मां काली, गैस गोदाम व स्कूल के पास भूस्खलन
– मकानों पर घुसा मलबा
बागेश्वर। लगभग चार माह पूर्व कांडा के कांडे कन्याल में अवैध खनन से खतरे के संकेत मिलने व ग्रामीणों की मांग के बाद न तो सरकार चेती और न ही जन प्रतिनिधि चेते। परिणामस्वरूप खनन चलता रहा और अब कांडा बाजार समेत आसपास के गांवों में खतरा गहरा गया है। मकानों में भूस्खलन होने से खतरा बना हुआ है। फिलहाल अब प्रशासन ने खान मालिक पर कार्रवाई करने की बात कहकर परिवार को पंचायत घर में स्थानांतरित कर दिया है।
कांडा के कांडे कन्याल में खान मालिक द्वारा लंबे समय से अवैध खनन किया जाता रहा था। जिससे कांडा में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मां कालिका मंदिर में दरार व मां की शक्ति के धंसने के बाद कांडा में धंसाव का मामला उछला। इसके बाद कई मकानों में मलबा आने लगा। जिस पर ग्रामीणों ने कई बार समाचार पत्रों, टीवी चैनलों व अन्य माध्यमों से प्रशासन व जन प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी व्यथा रखी थी साथ ही तहसील में अनशन भी किया था। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने भी गांव का दौरा किया तथा खान में खनन रोकने के आदेश दिए। परंतु इसका कोई असर नहीं हुआ तथा खान मालिक खनन करते रहे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने तब भी गांव का दौरा किया उन्होंने भी आबादी के बीच व कुमंविनि की भूमि के समीप हुए भू धंसाव को भविष्य में खतरा बताया था परंतु न तो खान मालिक द्वारा खनन बंद किया और न ही नियमानुसार खनन के बाद पिट ही भरे। नियमानुसार खनन के बाद बरसात से पूर्व खान मालिक को पिट भरने के नियम हैं परंतु उक्त खान में मालिक द्वारा पिट भरने तक की जहमत नहीं उठाई अब तक खान मालिक द्वारा पिटों को भरा नहीं गया है। जिसके परिणामस्वरूप कांडे कन्याल में भूस्खलन व कई परिवारों को खतरा बना हुआ है। इसके बाद भी यदि प्रशासन नहीं चेता तो आने वाले समय में मां कालिका मंदिर समेत कांडा बाजार, स्कूलों व कई गांवों के परिवारों को खतरा हो सकता है।

पटटाधारक को पूर्व में सुरक्षा उपाय करने के आदेश दिए थे। पटटाधारक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी व भूगर्भीय सर्वे कराई जाएगी।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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