नैनीताल: बाबा नीम करोली जी के 59ठवे स्थापना दिवस के अवसर पर भक्तों का भव्य समारोह, उत्तराखंड पुलिस का रहा खास योगदान

उत्तराखंड वार्ता : नैनीताल। नीम करौली बाबा के कैंची धाम में 15 जून को मनाए जाने वाले स्थापना दिवस के अवसर पर भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब देश और विदेश से अनेक भक्त बाबा नीम करौली के दर्शन करने आते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस मौके पर कैंची धाम में बहुत धूमधाम और उत्साह होता है।

बाबा नीम करोली जी माहराज जी

बाबा नीम करौली जी माहराज जी का अध्यात्मिक गुरु के रूप में लोगों के मन में गहरी आस्था है। उनके भक्त हिंदुस्तान के साथ-साथ विदेशों में भी हैं। कैंची मंदिर में एक साल भर में भक्त बाबा के दर्शन करने आते हैं, लेकिन 15 जून को यह खास महत्वपूर्ण होता है। कैंची धाम को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब ने अपनी प्रेरणा स्थली के रूप में चुना है। यह जगह अपने चमत्कारों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। भक्त इस अवसर पर धूप में घंटों खड़े होकर लाइन में लगे रहते हैं ताकि वे बाबा नीम करौली जी माहराज जी के दर्शन प्राप्त कर सकें। इसके परिणामस्वरूप, लंबी कतारें लगी और बहूत सारे श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और बाबा नीम करौली जी की पूजा और अर्चना में शामिल हुए । सुबह 4 बजे से ही भक्तों की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगती है और उन्होंने पूजा और अर्चना करते रहते हैं। कैंची मेले के दौरान लोगों में खास उत्साह और जोश देखा जा सकता है।

उत्तराखंड पुलिस

 

कैंची धाम में उत्तराखंड पुलिस के जवानों और पुलिस प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान बाबा नीम करोली जी के 59वे स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर महसूस हुआ है। उत्तराखंड पुलिस के जवानों और पदाधिकारियों के संरक्षण में सफलता पूर्वक भक्तों और यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ख्याल रखा है।

 

उत्तराखंड पुलिस ने इस बात का खास ख्याल रखा की यातायात में कोई असुविधा न हो, जिससे यात्री और भक्तों को आसानी से दर्शन करने में मदद मिले। पुलिस के जवानों द्वारा सुरक्षा का ख्याल रखने से यात्रियों को विश्रामपूर्ण और आत्मीयता भरी यात्रा का आनंद मिला है। इस रूप में, पुलिस ने सुनिश्चित किया है कि धार्मिक स्थल पर शांति और सुरक्षा बनी रहे और लोग बिना किसी चिंता के अपनी आस्था के अद्यतित हो सकें।

कैंची मंदिर प्रबंधक

कैंची मंदिर के प्रबंधक विनोद जोशी ने बताया कि हर साल 15 जून को मेले का आयोजन किया जाता है, क्योंकि इस दिन कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाता है। बाबा नीम करौली ने इसी दिन कैंची धाम की स्थापना की थी। इसलिए लोग इस मौके पर बाबा नीम करौली के दर्शन के साथ-साथ उनकी सेवा भी करते हैं, ताकि वे अपने जीवन में बाबा नीम करौली द्वारा बताए गए सेवा के भाव को अपना सकें।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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