Big breaking :- 7 साल बाद फिर खुली हरीश रावत स्टिंग केस की फाइल, इन तमाम नेताओं क़ो CBI ने नोटिस देकर बुलाया

देहरादून। वर्ष 2016 के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन के मामले में सी बी आई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन के सूत्रधार निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट में इन चारों के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।



देहरादून में विशेष न्यायाधीश सीबीआई धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की अदालत में इस मामले की सुनवाई 20 जून को हुई। सीबीआई की ओर से अभियोजन अधिकारी सियाराम मीना और सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया गया। इसमें हरीश रावत, हरक सिंह रावत, उमेश कुमार और मदन सिंह बिष्ट के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति देने के निर्देश देने की अपील की गई।

अदालत में बताया गया कि 8 जून को इन्हें नोटिस जारी किए गए, लेकिन अभी तक नोटिस तामिल नहीं हुए हैं। इन्हें फिर से नोटिस जारी करने के साथ ही सीबीआई को इसकी पैरवी करने के निर्देश आदलत ने दिए हैं। अदालत में बताया कि उक्त चारों में दो इस समय विधायक हैं। इस मामले में दोनों मौजूदा विधायकों को नोटिस तामिल करने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश भी दिए गए। मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी।

मालूम हो कि वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया जा रहा है। इस स्टिंग में डा. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था।

दोनों ही स्टिंग को लेकर तब उमेश कुमार की ओर से दावा किया गया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। और अब स्टिंग में जोन आवाजें हैं, उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।

मौजूदा समय में उमेश कुमार खानपुर मदन बिष्ट द्वाराहाट से विधायक हैं।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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